हमारा कल्चर क्या कहता है...घर केसे चलाए..?
घर कों चलाए कोन? किसकी चले?
कोन आदेश करे ओर कोंन उसका पालन करे ?
समस्या हर घर की है ...
हमारा कल्चर है बडो की माने.. कल्चर ये भी कहता है की मर्द हुकुम करे ओरत पालन करे...
ये आजकी रीत से विपरीत है l
आज ओरत भी हुकुम करती है मरद को मानना पड़ता है ....
घर का काम कोंन करे ...बाहर का काम कोन करे?
रसोई कोन बनाए ? ये सब सवाल उठ रहे हैं ,क्यूकि व्यवस्था मे परिवर्तन आया है l
आज की बात ये है की मर्द के साथ साथ ओरत भी अब कमाती है घर चलाती है ओर पढ़ाई भी करती है साथ साथ घर का कामकाज भी करती है इसमे उसपर डबल बॉज़ पड़ता है l
घर तथा बाहर दो काम वो क्रर सकती है तो मरद भी घर के साथ साथ बाहर का काम करे l
मतलब की ओरत की मदद करे, घरकlम मे अपना हाथ बताए ... यानी की खाना पकाना तथा काफ़ी छोटे मोटे कामकाज मे मरद अगर ओरत की मदद करता है ..तो घर स्वर्ग बन जाता है...आप अनुभव करकर स्वयं देख लें की घर को स्वर्ग जेसा खूबसूरत केसे बनाया जाय... कुछ दिन ये करिए...