आज़ादी से लेकर कई सालों से ये देश की समस्या बन गई है, रोटी कपड़ा ओर मकान...
विकास का और हम तेजी से भाग रहे है इसमे कोई संदेह नही.....
किंतु हमारे देश में आज भी 8 crores से भी अधिक लोग भूखे सोते है या उनकेl पर्याप्त मात्रा मे खाना नही मिल रहा है...
15 crores से भी अधिक लोग के पास रहनेक़ा मकान नहीl
वे जोपदीमे सोते है, कच्चे मकान मे या फुटपाथ पर.......
ये इस देशकी शर्म है..
ये महान देशकी कमनसीबी भी है हमारे नेता या अफ़सर सवेदना हीन है l
ओर मानवताविरोधिभि है...
आज तेजिसे चलते विकlसमे इन लोगोके हिस्सेमए कुछ भी नही है....
ये केसा न्याय है ?
ये केसी व्यवस्था है?
क्या हम विदेशॉसे कोई सही आयोजन नही सिख सकते है..
अरे हमारी कई योजनाए है...
फिर भी आज कई लोगोको खाना ही नसीब नही होता है.....
रहने का मकान नही ,ओर नही है पहननेका कपड़ा....
अगर ठिकसे आयोजन हो ,
योजना बनाई जाए तो इन को खाना ओर मकान प्राप्त क्र्रवाया जा सकता हैl
.......ये मुश्किल भी नही ओर असंभव भी नही....
देशको ओर प्रशlशनको मानवतावादी बनना होगा ....l
प्रशlशन को ओर देशको सवेदनशील ब्नाना होगा ll
विकास का और हम तेजी से भाग रहे है इसमे कोई संदेह नही.....
किंतु हमारे देश में आज भी 8 crores से भी अधिक लोग भूखे सोते है या उनकेl पर्याप्त मात्रा मे खाना नही मिल रहा है...
15 crores से भी अधिक लोग के पास रहनेक़ा मकान नहीl
वे जोपदीमे सोते है, कच्चे मकान मे या फुटपाथ पर.......
ये इस देशकी शर्म है..
ये महान देशकी कमनसीबी भी है हमारे नेता या अफ़सर सवेदना हीन है l
ओर मानवताविरोधिभि है...
आज तेजिसे चलते विकlसमे इन लोगोके हिस्सेमए कुछ भी नही है....
ये केसा न्याय है ?
ये केसी व्यवस्था है?
क्या हम विदेशॉसे कोई सही आयोजन नही सिख सकते है..
अरे हमारी कई योजनाए है...
फिर भी आज कई लोगोको खाना ही नसीब नही होता है.....
रहने का मकान नही ,ओर नही है पहननेका कपड़ा....
अगर ठिकसे आयोजन हो ,
योजना बनाई जाए तो इन को खाना ओर मकान प्राप्त क्र्रवाया जा सकता हैl
.......ये मुश्किल भी नही ओर असंभव भी नही....
देशको ओर प्रशlशनको मानवतावादी बनना होगा ....l
प्रशlशन को ओर देशको सवेदनशील ब्नाना होगा ll